होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी खबर! RBI के इस फैसले से टेंशन होगी दूर, बैंक से मिलेगा मुआवजा
RBI: अगर बैंक लोन लेने वालों की प्रॉपर्टी के ओरिजनल डॉक्युमेट्स खो देते हैं, तो उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
RBI: बैंकों को लोन लेने वालों को मुआवजा देना पड़ सकता है और अगर वे लोन लेने वालों की प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज खो देते हैं, तो उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. अगर आरबीआई (RBI) उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करता है, तो यह जल्द ही एक संभावना बन सकती है, जिसे उसने पिछले साल मई में बैंकों और अन्य उधार देने वाले संस्थानों में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए गठित किया था.
आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो के नेतृत्व वाले पैनल ने इस साल अप्रैल में केंद्रीय बैंक को अपनी रिपोर्ट पेश की थी और यह सुझाव इसमें की गई सिफारिशों का एक हिस्सा है. आरबीआई ने समिति की सिफारिशों पर 7 जुलाई तक हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं.
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प्रॉपर्टी के कागजात देने में देरी पर जुर्माना
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पैनल ने सुझाव दिया है कि आरबीआई लोन खाता बंद करने की तारीख से उधारकर्ता को प्रॉपर्टी के दस्तावेज वापस करने के लिए बैंकों के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने पर विचार कर सकता है. इसमें देरी होने पर बैंकों द्वारा उधारकर्ता को स्वचालित रूप से जुर्माने के रूप में मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए.
पैनल ने सुझाव दिया है, प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के खो जाने के मामले में, बैंक को न केवल उनकी लागत पर दस्तावेजों की प्रमाणित पंजीकृत प्रतियां प्राप्त करने में सहायता करने के लिए बाध्य होना चाहिए, बल्कि दस्तावेजों की वैकल्पिक प्रतियों की व्यवस्था करने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए ग्राहक को पर्याप्त मुआवजा भी देना चाहिए.
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मिली ये शिकायतें
आम तौर पर बैंक मूल संपत्ति दस्तावेजों के लिए अनुरोध करते हैं और उन्हें तब तक रखते हैं जब तक कि लोन पूरी तरह चुकाया नहीं जाता. ये सिफारिशें इसलिए आई हैं, क्योंकि आरबीआई को कई शिकायतें मिली हैं कि समय पर लोन चुकाने के बाद भी बैंकों को प्रॉपर्टी के दस्तावेज लौटाने में काफी समय लगता है.
मूल संपत्ति दस्तावेज जरूरी हैं, क्योंकि वे स्वामित्व स्थापित करने और विवादों को रोकने में मदद करते हैं. इसके अलावा, ये दस्तावेज भविष्य के लेन-देन की सुविधा और संपत्ति से जुड़े अन्य मामलों में भी उपयोगी होते हैं.
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टाइटल डीड जैसे स्वामित्व दस्तावेज, किसी की प्रॉपर्टी के स्वामित्व के कानूनी सत्यापन के रूप में कार्य करते हैं. इन दस्तावेजों को उनके मूल रूप में रखने से भविष्य में संभावित विवाद या धोखाधड़ी का जोखिम भी कम हो जाता है.
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03:19 PM IST